dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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बुधवार, 26 नवंबर 2025

संविधान दिवस

     प्रिय       देशवासियों, 

   
 नमस्ते! 
   
 26 नवंबर हर भारतीय के लिए बहुत गौरवशाली दिन है। इसी दिन 1949 में संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। इसलिए एक दशक पहले, साल 2015 में NDA सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। 
   
 हमारा संविधान एक ऐसा पवित्र दस्तावेज है, जो निरंतर देश के विकास का सच्चा मार्गदर्शक बना हुआ है। ये भारत के संविधान की ही शक्ति है जिसने मुझ जैसे गरीब परिवार से निकले साधारण व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर पहुंचाया है। संविधान की वजह से मुझे 24 वर्षों से निरंतर सरकार के मुखिया के तौर पर काम करने का अवसर मिला है। मुझे याद है, साल 2014 में जब मैं पहली बार संसद भवन में प्रवेश कर रहा था, तो सीढ़ियों पर सिर झुकाकर मैंने लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को नमन किया। साल 2019 में जब चुनाव परिणाम के बाद मैं संसद के सेंट्रल हॉल में गया था, तो सहज ही मैंने संविधान को सिर माथे लगा लिया था। 
   
 संविधान दिवस पर हम डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद समेत उन सभी महान विभूतियों का स्मरण करते हैं, जिन्होंने भारत के संविधान के निर्माण में अपना अहम योगदान दिया है। डॉक्टर बाबासाहेब अम्बेडकर की भूमिका को भी हम सभी याद करते हैं, जिन्होंने असाधारण दूरदृष्टि के साथ इस प्रक्रिया का निरंतर मार्गदर्शन किया। संविधान सभा में कई प्रतिष्ठित महिला सदस्य भी थीं, जिन्होंने अपने प्रखर विचारों और दृष्टिकोण से हमारे संविधान को समृद्ध बनाया। 
   
 साल 2010 में जब संविधान के 60 वर्ष हुए थे, तब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। हमने संविधान के प्रति कृतज्ञता और निष्ठा प्रकट करने के लिए एक प्रयास किया। 2010 के उस साल में गुजरात में ‘संविधान गौरव यात्रा’ निकाली गई थी। इस पवित्र ग्रंथ की प्रतिकृति को एक हाथी के ऊपर रखकर मैंने उस भव्य यात्रा की अगुवाई की थी। 
   
 जब संविधान के 75 वर्ष पूरे हुए, तो ये हमारी सरकार के लिए ऐतिहासिक अवसर बनकर आया। हमें देशभर में विशेष अभियान चलाने का सौभाग्य मिला। संविधान के 75 वर्ष होने पर हमारी सरकार ने संसद का विशेष सत्र आयोजित किया और राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान भी चलाया। ये अभियान जन-भागीदारी का बड़ा उत्सव बन गया। 
   
 इस वर्ष का संविधान दिवस कई कारणों से विशेष है:
यह वर्ष सरदार पटेल जी और भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती का है। सरदार पटेल जी के नेतृत्व और सूझबूझ ने देश का राजनीतिक एकीकरण सुनिश्चित किया। ये सरदार पटेल जी की ही प्रेरणा है जिसने हमारी सरकार को जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की दीवार गिराने के लिए प्रेरित किया। आर्टिकल 370 हटने के बाद वहां भारत का संविधान पूरी तरह लागू हो गया है और लोगों को संविधान प्रदत्त सभी अधिकार मिले हैं।
 
   
 भगवान बिरसा मुंडा जी का जीवन आज भी हमें जनजातीय समुदाय के लिए न्याय, गरिमा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने की प्रेरणा देता है। इस साल हम वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव भी मना रहे हैं। वंदे मातरम् हर दौर में प्रासंगिक रहा है। इसके शब्दों में हम भारतीयों के सामूहिक संकल्प की गूंज निरंतर सुनाई देती रही है। इस वर्ष हम श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के 350वें वर्ष को भी मना रहे हैं। उनका जीवन और शहादत की गाथा आज भी हमें प्रेरित करती है। 
   
 इन सभी का जीवन हमें उस कर्तव्य को सर्वोपरि रखने की प्रेरणा देता है, जिसे हमारे संविधान ने भी सबसे अहम बताया है। हमारे संविधान का आर्टिकल 51A मौलिक कर्तव्यों को समर्पित है। ये कर्तव्य हमें सामाजिक और आर्थिक प्रगति प्राप्त करने का रास्ता दिखाते हैं। महात्मा गांधी ने हमेशा नागरिकों के कर्तव्यों पर बल दिया था। वे मानते थे कि जब हम ईमानदारी से कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं, तो हमें अधिकार भी स्वत: मिल जाते हैं। 
   
 देखते ही देखते इस सदी के 25 वर्ष पूरे हो चुके हैं। अब आने वाला समय हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण है। साल 2047 तक आजादी के 100 वर्ष हो जाएंगे। साल 2049 में संविधान निर्माण के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे। हम आज जो नीतियां बनाएंगे, जो निर्णय लेंगे, उसका प्रभाव आने वाले वर्षों पर...आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा। हमारे सामने विकसित भारत का लक्ष्य है इसलिए हमें राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखते हुए ही आगे बढ़ना है। 
   
 हमें राष्ट्र के प्रति, समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना होगा। देश ने हमें कितना कुछ दिया है। इसके लिए हम सबके मन में कृतज्ञता का भाव होना चाहिए। जब हम इस भावना से जीवन जीते हैं, तो कर्तव्य अपने आप जीवन का स्वभाव बन जाता है। अपना कर्तव्य पूरा करने के लिए हमें अपने हर काम को पूरी क्षमता और पूरी निष्ठा से करने का प्रयास करना होगा। हमारा हर कार्य संविधान की शक्ति बढ़ाने वाला हो। हमारा हर कार्य देशहित से जुड़े उद्देश्यों को पूरा करने वाला हो। हमारे संविधान निर्माताओं ने जो सपने देखे थे, उन्हें पूरा करने का दायित्व हम सबका है। जब हम अपने काम को कर्तव्य की भावना के साथ करेंगे तो देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति कई गुना बढ़ जाएगी। 
   
 संविधान ने हमें मतदान का अधिकार दिया है। एक नागरिक के तौर पर हमारा कर्तव्य है कि मतदान का कोई अवसर छोड़े नहीं। हमें 26 नवंबर को स्कूलों में, कॉलेजों में उन युवाओं के लिए विशेष सम्मान समारोह आयोजित करने चाहिए, जो 18 वर्ष के हो रहे हैं। हमें उन्हें यह महसूस कराना चाहिए कि वे अब केवल छात्र या छात्रा नहीं, बल्कि नीति निर्माण की प्रक्रिया के सक्रिय सहभागी हैं। स्कूलों में हर वर्ष 26 नवंबर को फर्स्ट-टाइम वोटर्स का सम्मान करने की परंपरा विकसित होनी चाहिए। जब हम इस तरह युवाओं में जिम्मेदारी और गर्व का भाव जगाएंगे, तो वे जीवनभर लोकतंत्र के मूल्यों के प्रति समर्पित रहेंगे। यही समर्पण एक सशक्त राष्ट्र की नींव बनता है। 
   
 आइए, इस संविधान दिवस पर हम अपने महान राष्ट्र के कर्तव्यनिष्ठ नागरिक के रूप में अपने दायित्वों का पालन करने का संकल्प दोहराएं। ऐसा करके ही हम विकसित और सशक्त राष्ट्र के निर्माण में अपना अहम योगदान दे सकेंगे। 
   
   
 आपका, 
नरेन्द्र मोदी

मंगलवार, 25 नवंबर 2025

SIR से संबंधित कुछ फैक्ट् हैं जो आम जनता को शायद नहीं पता हैं:

 आजकल एक नया प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है कि देश भर में SIR के कारण BLO पर काम का काफी प्रेशर है और SIR के कारण BLO आत्महत्या तक कर रहे हैं.

लेकिन SIR से संबंधित कुछ फैक्ट् हैं जो आम जनता को शायद नहीं पता हैं:

1. SIR की समय सीमा 4 नवंबर 2025 से लेकर 4 दिसंबर 2025 तक यानि कि एक महीना है.

2. एक महीना में एक BLO को 1000 से 1200 वोटर्स से मिलने का टास्क दिया गया है.

अब अगर मान लें कि एक परिवार में 3 से 4 वोटर हैं तो एक BLO को एक महीने में 1000/4 = 250 परिवार से मिलने का टास्क दिया गया है.

अब 250 को अगर 30 दिन से भाग दे दें तो ये कुल 250/30 = 8 से 9 परिवार प्रतिदिन होते हैं.

अब फिर, यदि एक परिवार के साथ बिताया गया एवरेज समय आधा घण्टा (30 मिनट) भी मान लिया जाए तो ये कुल मिलाकर 4 से 5 घण्टे होते हैं.

जबकि सरकारी नियमानुसार ही किसी भी ड्यूटी का ऑफिशियल समय कम से कम 8 घंटे होते हैं.

इससे आप खुद ही समझ सकते है कि SIR में BLO पर कितना प्रेशर है.

और हाँ... इसमें हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि एक बूथ के सारे मतदाता एक ही जगह या मुहल्ले में मौजूद रहते हैं न कि पूरे शहर या राज्य में फैले रहते हैं.

असल में ऐसा नैरेटिव गढ़ने वाले लोग ये बात भूल जाते हैं कि हम अब ऐसे युग में हैं जहां सूचना की व्यापक पहुंच लोगों की जेब तक है और जनता अब समझदार हो चुकी है.

अगर अपवादस्वरूप किसी BLO ने आत्महत्या की है तो उसका कारण कुछ और होगा SIR नहीं.... 

वास्तव में SIR कोई "प्रेशर" नहीं एक "टास्क" है...

SIR देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए जरूरी है, SIR से देश में अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों की पहचान सुनिश्चित की जा रही है. इसलिए एक जागरूक भारतीय नागरिक होने के नाते SIR में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लीजिए और SIR को सफल बनाने की जिम्मेदारी हम सबकी है.

बुधवार, 19 नवंबर 2025

आजकल भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची विशेष प्रगाढ़ निरीक्षण(SIR)

*नोएडा-61 विधानसभा के सभी सम्मानित मतदाताओं से अपील* 


पहले तो ट्विटर/फेसबुक/ इंस्टाग्राम/व्हाट्सएप के माध्यम से जुड़े हुए सभी महानुभावों को नमस्कार और प्रणाम,,,,,,, आप सभी को ज्ञात है कि आजकल भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची विशेष प्रगाढ़ निरीक्षण(SIR)  के तहत सभी बीएलओ और उनके सहयोगी( BLA-2) आपके घर में जिन लोगों के वोट बने हुए हैं उन सभी मतदाताओं के दो-दो  गणना प्रपत्र देकर जा रहे हैं तो मैं आप सभी लोगों से अपील करना चाहूंगा कि इस गणना प्रपत्र को गंभीरता से ले और सभी जो BLO  और उनके सहयोगी जो इस अभियान में लगाए गए हैं उनकी सहायता करें। कुछ लोग इस मतदाता गणना प्रपत्र को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं तो मैं उनको बता दूं कि अगर गणना प्रपत्र भरकर जमा नही करेंगे तो उनका नाम वोटर लिस्ट से हट जाएगा और उन्हें अपना वोट दुबारा बनवाने के लिए उपखंड अधिकारी( SDM ) के सामने पेश होना पड़ेगा और आपको ज्यादा समस्या आएगी बहुत सारी परेशानियां उठानी पड़ेगी। इसलिए 30 नवम्बर से पहले पहले आप अपने वोट की जानकारी लेकर इस कार्यवाही को पूर्ण करें।

इसलिए इस मतदाता गणना प्रपत्र में क्या-क्या भरा जाना है उसकी थोड़ी जानकारी मैं यहां दे देता हूं ।

1. सबसे पहले जिन व्यक्तियों के वोट बने हुए हैं उनके लिए दो-दो गणना प्रपत्र BLO द्वारा आपके घर पर पहुंच रहे है।

2. प्रत्येक मतदाता की दो-दो नवीनतम फोटो पासपोर्ट साइज की आवश्यकता होगी। प्रपत्र पर जो फोटो दी गई है उस पर फोटो नहीं चिपकाए  बल्कि उसके पास ही लिखा गया है की (नवीनतम फोटो यहां चिपकाए) तो आप फोटो वही चिपकाए। 

3. प्रपत्र के तीन भाग हैं एक ऊपर का भाग है। इसमें में जो मतदाता है उसकी जन्मतिथि ,मोबाइल नंबर ,आधार संख्या ,पिता का नाम, पिता का EPIC नम्बर (वोटर पहचान पत्र)माता का नाम ,माता का EPIC नंबर और पति या पत्नी का नाम लिखना होता है।

4. नीचे वाले जो दो कॉलम है अगर वह आपको समझ में आए तो बढ़िया है अगर नहीं आए तो कोई बात नहीं  BLO साहब वह खुद भर देंगे।

5. उसके बाद जो साक्षर है वह अपना साइन करेगा और जो साक्षर नहीं है वह अपने बाएं हाथ के अंगूठे का निशान लगाएगा।

6. अंतिम में ,मैं  आप लोगों से केवल इतना ही निवेदन करूंगा कि आप अगर कुछ भी ना कर पाओ तो जब भी BLOसाहब आए तो उन्हें आपका आधार कार्ड ,EPIC  नंबर ,फोटो यह सारी चीज उपलब्ध करवा दो तो भी बहुत सहायता हो जाती है

7. उसके अलावा यदि किसी को अपना नया वोट बनवाना है तो BLO फॉर्म -6 मांगे और उसे भर कर तुरंत जमा कर दे। साथ ही आपका कोई एड्रेस चेंज हो गया है पहले पोलिंग स्टेशन कहीं और था तो आप BLO से फार्म संख्या 8 मांगें व उसे भी भरकर गणना प्रपत्र के साथ ही जमा कर दें।

8. यदि कोई व्यक्ति नोएडा में रहता है और उसका वोट नोएडा के बाहर  देश के किसी अन्य क्षेत्र में है तो वह फॉर्म-8 भरकर, उसमें पूर्व में जो वोट है उसकी जानकारी एवं जहां नया बना है वहां की जानकारी भरकर BLO को दे नोएडा में वोट स्थानांतरित हो जाएगा।

9. *फॉर्म-6 व फॉर्म-8 भरने के लिए BLO  मना नही कर सकता। यदि BLO आपको भ्रमित करता है कि ये SIR अभियान के बाद में होगा तो इसकी शिकायत चुनाव आयोग को तुरंत करें।*

10. इसके अलावा अगर कोई भी समस्या आ रही है तो आपके आसपास राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता होंगे उनसे सहायता ले  सकते है, पूरी जानकारी नोएडा सेक्टर -19 सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के प्रथम तल पर चुनाव आयोग के कार्यालय से भी प्राप्त कर सकते है। 

11. नोएडा-61 विधानसभा के सभी  मतदाताओं की सुविधा के लिए  हेल्पलाइन नम्बर 9217207199 जारी किया गया है

धन्यवाद

गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025

"करवा चौथ के प्रचलन - Ashok Mishra

 विषय : "करवा चौथ के प्रचलन", मिथिलांचल में सेहो तेज़ी सँ हाबी भ रहल। 


आजुक समय में मिथिलांचल में “करवा चौथ” के परंपरा सेहो धीरे-धीरे बहुतहिं तेज़ी सँ हाबी भ’ रहल अछि। पहिने मिथिला में ई प्रथा नै छल। मिथिलाक स्त्री सभक अपन अनेक लोकपर्व रहैत छनि - जेना कि शामा-चकेवा, मधुश्रावणी, जीतिया, छठि, तिला संक्रांति, तुलसी विवाह इत्यादि जेकर मूल भावना सेहो पति-पत्नीक प्रेम, निष्ठा आ दीर्घायु स’ जुड़ल अछि। 

      एहन पवित्र भाव मिथिला संस्कृति में सदिखन रहैत आएल अछि। हम “करवा चौथ”क खूब सम्मान करैत छी, कारण हर परंपरा अपन विश्वासक प्रतीक होइत अछि। 

      संस्कृति के आदान-प्रदान कथमपि खराब नै छैक, धरि अपन जड़ि सँ कटि क कोनो आर परंपरा में पूर्णतः डूबि गेनाई व ओहि के अहम हिस्सा बना लेनाई, हमर व्यक्तिगत विचार सँ मिथिलाक "सांस्कृतिक हानि" अछि। 

      दोसरक संस्कृति, परम्परा वा व्यवहार सँ किछु अपनायब एहि दिशि इंगित करैत अछि जे, हमर जे सनातन परम्परा अछि, ओ पूर्ण नहि अछि। ओहि में किछु नव जोड़बाक आवश्यकता अछि। जबकि मिथिला अपन साँस्कृतिक विरासत आ परम्पराक सङ्गे पूर्ण अछि, कोनहुँ अन्यक जरुरैत नहि अछि। 

      चिंता एहि बातक अछि जे मिथिला समाज अपन मौलिक संस्कार, लोकगीत, लोकव्रत आ रीति-रिवाज छोड़िकेँ दोसर प्रदेशक संस्कृति सँ अत्यंत प्रभावित भ’ रहल अछि। मिथिला के लोग अपन संस्कृति के छोड़ि वा बिसरि क अन्य जगहक संस्कृति अपना रहल छथि। 

      अपन पहचान बचेनाई बहुत जरूरी अछि, नहि तँ भावी पीढ़ी मिथिलाक मूल लोकपरंपरा सँ बिल्कुल अनभिज्ञ रहि जाएत। मिथिला केवल एकटा भूभाग नहि, बल्कि एकटा जीवंत संस्कृति के प्रतीक अछि। मिथिला संस्कृति अपन मर्यादा, मातृशक्ति के सम्मान, मधुर वाणी, खान-पान, आध्यात्मिकता, प्रकृति सँ संलग्नता, लोकसंस्कृति आ जीवन दर्शन लेल प्रसिद्ध अछि। 

      अतएव, ई अति आवश्यक अछि जे अपन लोकपर्व, लोकभाषा आ परंपरा केँ स्नेहपूर्वक सहेजि क राखी, जकरा सँ अप्पन मिथिलाक गौरव सदा अमर रहत। 

      चिंतन - चलू कनी काल लेल मानलौं जे, पति के लेल आर अपन भाग सौभाग्यक लेल कोनो पावनि केनाई कोनो अधलाह नै छै। मुदा, ओहि पति परमेश्वर के माय बाप के गाईर पढ़नाई आर पति के हरदम दुत्कारैत रहनाई कथमपि ठीक नै छैक। कियौ माए बहिन पति लेल कोनहु पर्व करै छथि, त हुनका सॅं हमर विनम्र निवेदन अछि जे अपन पतिदेव केॅं कदर सेहो निष्ठा भाव सॅं करथि।       

शनिवार, 4 अक्टूबर 2025

ट्रेड डील

अमेरिका की व्यापार शर्तों (ट्रेड डील) के सामने भारत क्यों नहीं झुकता?

यह एक बहुत ही खतरनाक खेल है। अगर हम झुक गए, तो देश खत्म हो गया समझो।

अमेरिकी दृष्टिकोण के पीछे नम्रता नहीं, बल्कि एक छिपी हुई गंदी राजनीति है।

एक ऐसा शर्तों भरा क्लॉज है, जिसे भारत ने छूने से भी इनकार कर दिया है।

ट्रंप रोज दबाव बनाते हैं, लेकिन भारत मजबूती से खड़ा है।

सब पूछते हैं, भारत अमेरिका की सभी शर्तों पर हस्ताक्षर क्यों नहीं करता?

तो चलिए, इस बात को विस्तार से समझते हैं...

साल 2030 तक भारत-अमेरिका के बीच व्यापार का लक्ष्य 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का सपना है।

अच्छा लगता है ना? लेकिन उस सपने के पीछे एक शर्त थी... *जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) बीज/फसलें।*

अमेरिका ने कहा – *साइन करो।*

भारत ने कहा – *नहीं, कभी नहीं।*

क्योंकि यह सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता का सवाल है।

GM बीज कोई साधारण बीज नहीं, यह तो एक सॉफ्टवेयर है।

पेटेंट वाला सॉफ्टवेयर... एक बार बोओ, तो हमेशा पैसे देते रहो।

फिर आपकी फसल आपकी नहीं रहती, वह *बीज के मालिक* की हो जाती है।

वह बीज का मालिक कौन है, जानते हैं? *Monsanto Ltd.*

हां, वही Monsanto कंपनी, जिसने Agent Orange बनाया था और अब उसका नया नाम है *Bayer Ltd.*

कंपनी का नाम बदला, लेकिन जहर वही है।

1960 के दशक में, अमेरिका पूरी दुनिया को गेहूं सप्लाई करता था।

लेकिन अब क्या देता है?

• GM मक्का

• GM सोया

• GM कैनोला

• GM कपास

ये सब *“राउंडअप रेडी”* फसलें हैं।

GM से खरपतवार मर जाते हैं, लेकिन फसल जिंदा रहती है! क्योंकि वह केमिकल रेसिस्टेंट होती है।

अमेरिका में आज 95% मक्का GM है। सोया का भी यही हाल है।

और यह सब कहां जाता है? सीधे लोगों के भोजन में।

1990 के बाद से अमेरिका में...

o मोटापा दोगुना हो गया,

o किशोरों में डायबिटीज तेजी से बढ़ा,

o बांझपन,

o डिप्रेशन,

o कैंसर,

o हृदय रोग, लिवर की बीमारियां।

*यह सब "संयोग" है या "अंजाम"?*

और इनका "इलाज" क्या है?

*दवाइयां:*

o स्टैटिन्स

o मेटफॉर्मिन

o एंटी-डिप्रेसेन्ट्स

o ओजेम्पिक

*यह इलाज नहीं — सब्सक्रिप्शन है!*

आप जियो, लेकिन हमेशा दवाइयों पर निर्भर रहो।

*Big Food आपको बीमार करता है।*

*Big Pharma आपको जिंदा रखता है।*

*Big Insurance आपको सब कुछ चुकवाता है।*

और आपको जानकर हैरानी होगी कि…

इन तीनों के मुख्य शेयरधारक कौन हैं?

• Vanguard

• BlackRock

• State Street

और वही लोग निवेश करते हैं...

• खाने में

• दवाइयों में

• न्यूज नैरेटिव में

इसलिए भारत ने *साफ मना कर दिया* और फिर क्या हुआ?

*ट्रंप के ट्वीट्स:*

• पाकिस्तान के साथ मधुर संबंध दिखाना

• पश्चिमी मीडिया का भारत विरोधी रुख

*विपक्ष की आवाज:*

• मोदी सरकार असफल रही

लेकिन कोई यह नहीं कहता कि... *क्यों?*

*क्योंकि यह “ट्रेड डील” नहीं, भारत को बीमार बनाने की योजना है।*

अगर भारत अमेरिका की इस "ट्रेड डील" पर साइन करता है, तो क्या खोएगा?

• हमारे किसान

• हमारे बीज

• हमारी मिट्टी का स्वाभिमान

• हमारा भविष्य

ये खलनायक कौन हैं?

*कृषि क्षेत्र में:*

• Bayer (Monsanto)

• ADM

• Cargill


*खाद्य क्षेत्र में:*

• Nestlé

• PepsiCo

• Kraft


*फार्मा क्षेत्र में:*

• Pfizer

• Johnson & Johnson

• Merck


*बीमा क्षेत्र में:*

• United Health


और इन सबके पीछे कौन है?

वही महंगे निवेशक,

वही डॉलर!

वही खतरनाक योजना।

अगली बार जब कोई पूछे:

अमेरिका की शर्तें मान लेने में क्या हर्ज है?

तो उन्हें कहो:

आप अपने घर के बच्चों को खिलाओगे, या उनकी फैक्ट्रियों को?

यह एंटी-अमेरिका नहीं है, यह है:

• मिट्टी के पक्ष में

• सत्य के पक्ष में

• भविष्य के पक्ष में

और अगर किसी को लगता है कि *भारत सिर उठा रहा है*, तो लगने दो

क्योंकि अगर हम उनकी शर्तों पर साइन कर लेंगे, तो सिर्फ एक करार नहीं खोएंगे... बल्कि अपने पैरों तले की जमीन खो देंगे।

यह लेख पढ़कर सभी को समझना चाहिए कि अमेरिका की दादागिरी के खिलाफ पूरी दुनिया में सिर्फ *एक ही आदमी* लड़ रहा है और उसे सपोर्ट करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। 🙏

यह लेख वाकई आंखें खोल देने वाला है और जिसकी आंखें खुल गई हों, वह एक बार जरूर शेयर करे। 🙏जय माताजी की!🚩🚩